मिनी आईपीएल में बिहारियों ने किया कमाल, दिल्ली-मुंबई को दी पटकनी
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कही बड़ी बात

किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश जस्टिस शरद ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन करना किसानों का मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन को लेकर अदालत कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। बेंच ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन के तरीक़े को देखा जा सकता है। जस्टिस बोबडे ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन से आम लोगों को दिक़्क़त नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम आपको प्रदर्शन से नहीं रोक रहे हैं, प्रदर्शन करिए, लेकिन प्रदर्शन का एक मकसद होता है। आप सिर्फ धरना पर नहीं बैठ सकते है। बातचीत भी करनी चाहिए और बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें भी किसानों से हमदर्दी है और हम केवल यह चाहते हैं कि कोई सर्वमान्य समाधान निकले।
कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि 'क्या वो किसानों से बातचीत के दौरान कृषि कानूनों को होल्ड करने को तैयार है?' अटार्नी जनरल ने कहा कि वो सरकार से इसपर निर्देश लेंगे। गुरुवार को सुनवाई शुरू होने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि वो आज वैधता पर फैसला नहीं देगी और आज बस किसानों के प्रदर्शन पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि 'पहले हम किसानों के आंदोलन के ज़रिए रोकी गई रोड और उससे नागरिकों के अधिकारों पर होने वाले प्रभाव पर सुनवाई करेंगे।
इधर सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रदर्शन में मौजूद किसानों में से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं। कोविड-19 एक चिंता का विषय है। किसान यहां से गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे। किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते।