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नगर निगम को लेकर राघोपुर बलाट पंचायत के दो पूर्व मुखिया आमने-सामने

बिहार सरकार ने मधुबनी नगर परिषद को नगर निगम के गठन को मंजूरी दे दी है। नगर निगम का दर्जा मिल जाने से शहरी क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए शहर से सटे कुछ पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया है जिसके बाद से पंचायत स्तर की राजनीति तेज होने लगी है। राघोपुर बलाट पंचायत सहित कई पंचायतों के मुखिया तथा पूर्व मुखिया ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
राघोपुर बालाट पंचायत के पूर्व मुखिया संजय मिश्र ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ इस फैसले का विरोध करते हुए जिलाधिकारी के समक्ष ज्ञापन सौंपकर पंचायत को निगम के दायरे में न लाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पंचायत को निगम में शामिल करने पर ग्रामीणों को अधिक टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। मनरेगा के तहत रोजगार की गारंटी समाप्त हो जाएगी, मकान बनाने के लिए नक्शा पास करना होल्डिंग टैक्स सहित ऐसे दर्जनों काम हैं जो पंचायत में रहने पर अनिवार्य नहीं है जबकि निगम में शामिल होने पर अनिवार्य हो जायेगा।
वहीं दूसरी ओर राघोपुर बलाट के एक और भूतपूर्व मुखिया शिवशंकर झा सहित सैकड़ों लोग पंचायत के नगर निगम में शामिल होने के फैसले को सौभाग्य मानते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है। पंचायत के लोगों ने जिलाधिकारी के समक्ष एक दूसरा आवेदन सौंपा है जिसमे लिखा गया है कि राघोपुर बलाट पंचायत को नगर निगम में शामिल करने पर जिला प्रशासन एवं बिहार सरकार का धन्यवाद। आवेदन में लिखा गया है कि पंचायत के पूर्व मुखिया संजय मिश्र अपने सहयोगियों के साथ ग्रामीणों का फर्जी हस्ताक्षर लेकर जिला पदाधिकारी के समक्ष ज्ञापन देकर राघोपुर बलाट पंचायत को नगर निगम के क्षेत्र से बाहर करने की मांग कर रहे हैं जो समाज विरोधी है।
आवेदन में कहा गया है कि पंचायत के लोग विकास की राह पर चलने के लिए क्षेत्र का नगर निगम में शामिल होने से उत्साहित हैं। पंचायत वासी चाहते हैं कि राघोपुर बलाट पंचायत को निगम के दायरे में आने का जो सौभाग्य प्राप्त हुआ है उसे बरकरार रखा जाए साथ ही संजय मिश्रा द्वारा दिए गए आवेदन की पड़ताल कर दोषी को चिन्हित किया जाए तथा अफवाह फैलाने और शांति व्यवस्था भंग करने के प्रयास के तहत कारवाई की जाए।
नगर निगम में शामिल होने से ये होगा फायदा
नगर निगम में शामिल होने वाले गांवों में सड़क, पेयजल, ड्रेनेज जैसी सुविधाएं मिल पाएंगी। जरूरतमंद गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सकेगा, प्रापर्टी के सर्किल रेट में वृद्धि होगी, जिससे ऋण लेने की क्रेडिट लिमिट बढ़ेगी, जनसंख्या के आधार पर केंद्र से मिलने वाली अनुदान राशि में वृद्धि होगी, गांवों में अमृत योजना से पेयजल और सीवर के काम हो जाएंगे, शहरी आजीविका मिशन योजना लागू हो पाएगी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट में कूड़ा प्रबंधन का फायदा मिल पाएगा।
ये हो सकती हैं दिक्कतें
वृद्ध विकलांग पेंशन के लिए विभागों के चक्कर काटने पड़ेंगे, नगर निगम क्षेत्र में मकान निर्माण के लिए मानचित्र की स्वीकृति की अनिवार्यता होगी, ग्रामीणों पर हाउस टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा, मनरेगा से होने वाले विकास कार्य बंद हो जाएंगे, राज्य और 14वां वित्त का बजट बंद हो जाएगा, ग्रामीणों को कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी बंद हो जाएगी।